शिव जी के नाम के महत्व को समझना हमारे धार्मिक जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। शिव जी, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। जिनका नाम शक्ति और अद्वितीयता का प्रतीक है, जो हर भक्त के दिल में विशेष स्थान रखते है। Shiv ji ke naam में गहरी देवीय ऊर्जा और शांति की भावना विराजमान होती है।
हर व्यक्ति, जो सच्चे मन से उनके नाम का जाप करता है, उसे अद्वितीय शांति और आंतरिक बल की प्राप्ति होती है। यह न केवल हमारे आस्थाओं को सुदृढ़ करता है, बल्कि जीवन में नई दिशा और उद्देश्य भी प्रदान करता है। हमारे शास्त्रों में शिव जी के 108 नाम बताये गए है, जिन्हे हमने निचे आपके के लिए उपलब्ध कराया है।
शिव जी के 108 नाम
- शिव- कल्याण स्वरूप
- महेश्वर- माया के अधीश्वर
- शम्भू- आनंद स्वरूप वाले
- पिनाकी- पिनाक धनुष धारण करने वाले
- शशिशेखर- सिर पर चंद्रमा धारण करने वाले
- वामदेव- अत्यंत सुंदर स्वरूप वाले
- विरूपाक्ष- विचित्र आंख वाले
- कपर्दी- जटाजूट धारण करने वाले
- नीललोहित- नीले और लाल रंग वाले
- शंकर- सबका कल्याण करने वाले
- शूलपाणी- हाथ में त्रिशूल धारण करने वाले
- खटवांगी- खटिया का एक पाया रखने वाले
- विष्णुवल्लभ- भगवान विष्णु के अति प्रिय
- शिपिविष्ट- सितुहा में प्रवेश करने वाले
- अंबिकानाथ- देवी भगवती के पति
- श्रीकण्ठ- सुंदर कण्ठ वाले
- भक्तवत्सल- भक्तों को अत्यंत स्नेह करने वाले
- भव- संसार के रूप में प्रकट होने वाले
- शर्व- कष्टों को नष्ट करने वाले
- त्रिलोकेश- तीनों लोकों के स्वामी
- शितिकण्ठ- सफेद कण्ठ वाले
- शिवाप्रिय- पार्वती के प्रिय
- उग्र- अत्यंत उग्र रूप वाले
- कपाली- कपाल धारण करने वाले
- कामारी- कामदेव के शत्रु, अंधकार को हरने वाले
- सुरसूदन- अंधक दैत्य को मारने वाले
- गंगाधर- गंगा जी को धारण करने वाले
- ललाटाक्ष- ललाट में आंख वाले
- महाकाल- कालों के भी काल
- कृपानिधि- करूणा की खान
- भीम- भयंकर रूप वाले
- परशुहस्त- हाथ में फरसा धारण करने वाले
- मृगपाणी- हाथ में हिरण धारण करने वाले
- जटाधर- जटा रखने वाले
- कैलाशवासी- कैलाश के निवासी
- कवची- कवच धारण करने वाले
- कठोर- अत्यंत मजबूत देह वाले
- त्रिपुरांतक- त्रिपुरासुर को मारने वाले
- वृषांक- बैल के चिह्न वाली ध्वजा वाले
- वृषभारूढ़- बैल की सवारी वाले
- भस्मोद्धूलितविग्रह- सारे शरीर में भस्म लगाने वाले
- सामप्रिय– सामगान से प्रेम करने वाले
- स्वरमयी- सातों स्वरों में निवास करने वाले
- त्रयीमूर्ति- वेदरूपी विग्रह करने वाले
- अनीश्वर- जो स्वयं ही सबके स्वामी है
- सर्वज्ञ- सब कुछ जानने वाले
- परमात्मा- सब आत्माओं में सर्वोच्च
- सोमसूर्याग्निलोचन- चंद्र, सूर्य और अग्निरूपी आंख वाले
- हवि- आहूति रूपी द्रव्य वाले
- यज्ञमय- यज्ञस्वरूप वाले
- सोम- उमा के सहित रूप वाले
- पंचवक्त्र- पांच मुख वाले
- सदाशिव- नित्य कल्याण रूप वाल
- विश्वेश्वर- सारे विश्व के ईश्वर
- वीरभद्र- वीर होते हुए भी शांत स्वरूप वाले
- गणनाथ- गणों के स्वामी
- प्रजापति- प्रजाओं का पालन करने वाले
- हिरण्यरेता- स्वर्ण तेज वाले
- दुर्धुर्ष- किसी से नहीं दबने वाले
- गिरीश- पर्वतों के स्वामी
- गिरिश्वर- कैलाश पर्वत पर सोने वाले
- अनघ- पापरहित
- भुजंगभूषण- सांपों के आभूषण वाले
- भर्ग- पापों को भूंज देने वाले
- गिरिधन्वा- मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले
- गिरिप्रिय- पर्वत प्रेमी
- कृत्तिवासा- गजचर्म पहनने वाले
- पुराराति- पुरों का नाश करने वाले
- भगवान्- सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न
- प्रमथाधिप- प्रमथगणों के अधिपति
- मृत्युंजय- मृत्यु को जीतने वाले
- सूक्ष्मतनु- सूक्ष्म शरीर वाले
- जगद्व्यापी- जगत् में व्याप्त होकर रहने वाले
- जगद्गुरू- जगत् के गुरू
- व्योमकेश- आकाश रूपी बाल वाले
- महासेनजनक- कार्तिकेय के पिता
- चारुविक्रम- सुन्दर पराक्रम वाले
- रूद्र- भयानक
- भूतपति- भूतप्रेत या पंचभूतों के स्वामी
- स्थाणु- स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले
- अहिर्बुध्न्य- कुण्डलिनी को धारण करने वाले
- दिगम्बर- नग्न, आकाशरूपी वस्त्र वाले
- अष्टमूर्ति- आठ रूप वाले
- अनेकात्मा- अनेक रूप धारण करने वाले
- सात्त्विक- सत्व गुण वाले
- शुद्धविग्रह- शुद्धमूर्ति वाले
- शाश्वत- नित्य रहने वाले
- खण्डपरशु- टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले
- अज- जन्म रहित
- पाशविमोचन- बंधन से छुड़ाने वाले
- मृड- सुखस्वरूप वाले
- पशुपति- पशुओं के स्वामी
- देव- स्वयं प्रकाश रूप
- महादेव- देवों के भी देव
- अव्यय- खर्च होने पर भी न घटने वाले
- हरि- विष्णुस्वरूप
- पूषदन्तभित्- पूषा के दांत उखाड़ने वाले
- अव्यग्र- कभी भी व्यथित न होने वाले
- दक्षाध्वरहर- दक्ष के यज्ञ को नष्ट करने वाले
- हर- पापों व तापों को हरने वाले
- भगनेत्रभिद्- भग देवता की आंख फोड़ने वाले
- अव्यक्त- इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले
- सहस्राक्ष- हजार आंखों वाले
- सहस्रपाद- हजार पैरों वाले
- अपवर्गप्रद- कैवल्य मोक्ष देने वाले
- अनंत- देशकालवस्तु रूपी परिछेद से रहित
- तारक- सबको तारने वाले
- परमेश्वर- सबसे परम ईश्वर
इन नामों के जाप से आपके जीवन में भगवान शिव की दिव्य कृपा और शक्ति का आगमन होता है। इन्हें उच्चारित करके आप न केवल भगवान शिव के आशीर्वाद से लाभान्वित होते हैं, बल्कि अपने जीवन को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध और संतुलित भी बना सकते हैं।
Shiv Ji Ke Naam के जाप से होने वाले फायदे
- नकारात्मकता: इनके नाम के जाप से व्यक्ति के जीवन की सभी नकारात्मकता दूर होती है और मन में अच्छे विचार आते है।
- कष्ट: शिव नाम का जाप करने से हमरे सभी बाधायें दूर होती है उनके सभी कार्य पुरे होते है।
- सम्मान: इनके नाम का जाप करने से समाज में व्यक्ति का मान सम्मान बढ़ता है।
- आर्थिक लाभ: भगवान शिव के नाम का जाप करने से व्यक्ति को आर्थिक लाभ होता है।
- आपसी प्यार: “आशुतोष” नाम के जाप से पति -पत्नी के बीच प्यार बना रहता है।
- सुखमय जीवन: इनके नाम के जाप से हर प्रकार के दुःख समाप्त होते है और जीवन सुखमय होता है।
- स्वास्थ्य: “महादेव” नाम का जाप करने से व्यक्ति का स्वस्थ अच्छा रहता है।
- मोक्ष: इनके नाम के जाप से मोक्ष की प्राप्त होता है।
ऊपर दिए गए लाभ, शिव जी के नाम के जाप से प्राप्त होता है। ऐसे ही शिव जी के अनेक मंत्र भी है जैसे – shiv ji beej mantra, shiv ji ka dhyan mantra, shiv parvati puja mantra इत्यादि जैसे मंत्र का जाप करके आप अपने जीवन में सुख, शांति और खुशहाली ला सकते है।
FAQ
ओम नमः शिवाय मंत्र का महत्व क्या है?
ओम नमः शिवाय मंत्र शिव जी के पांच पवित्र नामों में से एक है और इसे मानसिक शांति, आत्मिक उन्नति और जीवन में सकारात्मकता के लिए जाप किया जाता है।
शिव जी के कौन से नाम विशेष रूप से संकट निवारण के लिए माने जाते हैं?
“भोलेंनाथ” और “रुद्र” जैसे नाम विशेष रूप से संकटों से राहत और सुरक्षा के लिए माने जाते हैं।
क्या भगवान शिव के नाम का जाप किसी विशेष पूजा विधि से करना चाहिए?
शिव जी के नाम का जाप आमतौर पर “शिव पूजा” के दौरान किया जाता है, जिसमें दूध, बेलपत्र, और शहद का अभिषेक भी शामिल होता है।

मैं रोहन पंडित एक समर्पित शिव भक्त और हरिद्वार के एक शिव मंदिर में पुजारी हूँ। मैं शिव भक्तों को शिव आरती, मंत्र, चालीसा, स्तोत्र और भजनों की व्यापक जानकारी के साथ-साथ पीडीएफ और MP3 उपलब्ध किया हूँ।