शिव तांडव स्तोत्रम एक प्रसिद्ध और शक्तिशाली स्तुति है, जिसे भगवान शिव की महिमा का गुणगान करने के लिए लिखा गया है। यह स्तोत्र, रावण द्वारा रचित माना जाता है, जिसमें भगवान शिव के तांडव रूप का वर्णन किया गया है। Shiv Tandav Stotram की लिरिक्स हिंदी में आसानी से उपलब्ध हैं और इस स्तुति का पाठ भक्तों द्वारा विशेष रूप से शिवरात्रि और सोमवार के दिन किया जाता है।
इसकी लय और इसके शब्द भगवान शिव के आक्रामक लेकिन दिव्य रूप का सुंदर चित्रण करते हैं। यदि आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और जीवन में शांति और संतुलन की खोज कर रहे हैं, तो इस स्तोत्रम का नियमित पाठ आपके लिए अत्यंत लाभकारी हो सकता है। Shiv tandav stotram lyrics pdf के द्वारा इसका पाठ कर सकते है साथ ही साथ इस स्तोत्र को निचे लिखा गया है।
शिव तांडव स्तोत्र
जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले
गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ॥
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं
चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥1॥
जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी
विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ॥
धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके
किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥2॥
धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर
स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ॥
कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि
क्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥3॥
जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा
कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ॥
मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥4॥
सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर
प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ॥
भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक
श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥5॥
ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा
निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ॥
सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं
महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥6॥
करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल
द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ॥
धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥7॥
नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्
कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ॥
निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः
कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥8॥
प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा
वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् ॥
स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥9॥
अगर्व सर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी
रसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणामधुव्रतम् ॥
स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं
गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥10॥
जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वस
द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ॥
धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल
ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः ॥11॥
दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्
गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ॥
तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः
समं प्रव्रितिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम ॥12॥
कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन्
विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् ॥
विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः
शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ॥13॥
निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-
निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ॥
तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं
परिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः ॥14॥
प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी
महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ॥
विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः
शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥15॥
इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं
पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् ।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं
विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ॥16॥
पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं
यः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे ॥
तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां
लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः ॥17॥
इति श्रीरावण कृतम्शि व ताण्डव स्तोत्र संपूर्णम ॥
इस स्तोत्र का जाप करने से व्यक्ति में नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और भगवान शिव के आशीर्वाद से जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है। इसके अलावा आप शिव पंचाक्षर स्तोत्र और शिव स्तुति लिरिक्स का पाठ करके भी शिव जी की कृपा प्राप्त कर सकते है।
Shiv Tandav Stotram करने की विधि निम्नलिखित है –
- प्रातः स्नान करें: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- पूजा स्थल की साफ सफाई : पूजा स्थल की साफ़ सफाई करे और सभी जरुरी सामान एकत्रित करे।
- शिव मूर्ति के सामने बैठें: अगर संभव हो तो शिवलिंग के पास बैठें या भगवान शिव की मूर्ति के सामने बैठें।
- दीपक जलाएं: शुद्ध घी का दीपक जलाकर भगवान शिव के सामने रखें।
- मंत्र का ध्यान करें: इसका पाठ करते समय मन को शांत और एकाग्र रखें।
- भगवान शिव का ध्यान करें: पाठ करते समय भगवान शिव तांडव स्तोत्रम और उनके महिमा का ध्यान करें।
- अर्पण करें: पाठ के बाद भगवान शिव को बेलपत्र, जल, और फूल अर्पित करें।
- आरती करें: अंत में भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
- शांत मन से प्रार्थना करें: अंत में भगवान शिव से मन की शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें।
इस विधि से इस स्तोत्रम का पाठ करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इसे आप अपने क्षेत्रीय तरीके से भी कर सकते हैं।
इससे होने वाले लाभ
- मानसिक शांति प्राप्त होती है: इसका पाठ करने से मन शांत होता है और मानसिक तनाव दूर होते हैं।
- नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है: घर और जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियाँ और बुराइयाँ समाप्त होती हैं।
- आध्यात्मिक विकास होता है: इसका नियमित पाठ करने से आध्यात्मिक उन्नति और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
- सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है: जीवन के कष्ट, दु:ख और परेशानियाँ धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं।
- भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है: भगवान शिव की असीम कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं।
- सफलता और समृद्धि मिलती है: इसका पाठ करने से जीवन में सफलता और समृद्धि आती है।
- रोगों से मुक्ति मिलती है: स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार होता है और रोगों से छुटकारा मिलता है।
- परिवार में सुख-शांति रहती है: परिवार में आपसी प्रेम, एकता और शांति बनी रहती है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि होती है: इसका पाठ करने से आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
- धार्मिक और पवित्र ऊर्जा का संचार: इस स्तोत्र का पाठ करने से धार्मिक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे पूजा स्थल और वातावरण पवित्र हो जाता है।
इसका नियमित पाठ जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और भगवान शिव की अनुकंपा प्राप्त करने का एक श्रेष्ठ मार्ग है। आपको मिलने वाले लाभ आपके कर्मों और निष्ठा पर निर्भर करता है। Shiv tandav stotram ringtone को अपने मोबाइल में सेट करके दिन भर आनंदित रह सकते है।
FAQ
क्या यह सभी के लिए करना संभव है?
हां, इसे कोई भी व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति के साथ कर सकता है। इसमें किसी विशेष ज्ञान की आवश्यकता नहीं है, केवल भक्ति और समर्पण की आवश्यकता है।
इस स्तोत्रम का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
इसे श्रद्धानुसार एक या अधिक बार किया जा सकता है। नियमित रूप से करने से इसका अधिक लाभ मिलता है।
क्या स्तोत्रम का पाठ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है?
हां, इसका नियमित पाठ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

मैं रोहन पंडित एक समर्पित शिव भक्त और हरिद्वार के एक शिव मंदिर में पुजारी हूँ। मैं शिव भक्तों को शिव आरती, मंत्र, चालीसा, स्तोत्र और भजनों की व्यापक जानकारी के साथ-साथ पीडीएफ और MP3 उपलब्ध किया हूँ।