Shiv Shakti Mantra | शिव शक्ति मंत्र : आत्म-विश्वास में वृद्धि

शिव शक्ति मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान शिव और देवी शक्ति (पार्वती) दोनों की भक्ति के लिए समर्पित है। Shiv shakti mantra में शिव और शक्ति के बीच के दिव्य संयोग का वर्णन किया गया है। जब व्यक्ति इस मंत्र का जाप करता है, तो वह भगवान शिव की निराकार और देवी शक्ति की साकार ऊर्जा का अनुभव करता है।

यह मंत्र विशेष रूप से उन समयों में लाभकारी होता है जब व्यक्ति अपने कष्टों से मुक्ति और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहतें है। अगर आप भी इस मंत्र के लाभ को प्राप्त करना चाहतें है और पढ़ना चाहतें है, तो हमने आपके लिए नीचे को उपलब्ध कराया है।

शिव शक्ति मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं शिव शक्तियै नमः॥

अर्थ- यह मंत्र भगवान शिव को दर्शाता है। जो दिव्य पुरुष ऊर्जा का अवतार हैं। ह्रीं और श्रीं दिव्य ऊर्जा और सौभाग्य से जुड़े बीजों को दर्शाते हैं।

इसके अलावा शिव जी के अनेक मंत्र है जैसे – Shiv ji ka dhyan mantra, Shivji ko jal chadhane ka mantra, Bhagwan shiv ka beej mantra इत्यादि मंत्र है जिसका जाप आप कर सकते है।

Shiv Shakti Mantra का पाठ करने की विधि

  1. स्नान: सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। यह पूजा की पवित्रता और शुद्धता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
  2. पूजा स्थल: पूजा के लिए एक शांत और साफ स्थान का चयन करें। इससे पूजा के लिए एक पवित्र और सम्मानित स्थान प्राप्त होता है।
  3. मूर्ति स्थापना: पूजा स्थल पर भगवान शिव और देवी शक्ति अर्थात पार्वती माता की मूर्ति या चित्र को विधिपूर्वक स्थापित करें।
  4. दीपक और धूप जलाएं: पूजा स्थल पर दीपक और धूप जलाएं। इससे वातावरण पवित्र होता है और पूजा के दौरान सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  5. मंत्र का पाठ: भगवान शिव और देवी शक्ति के सामने बैठकर इस मंत्र का पाठ करें। मंत्र का जाप पूरी श्रद्धा और ध्यान के साथ करें। मंत्र जप के दौरान किसी भी प्रकार की ईष्या और अवसाद से दूर रहे।
  6. फूल और जल अर्पण: मंत्र के पाठ के बाद भगवान शिव और देवी शक्ति को फूल और जल अर्पित करें। यह सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक होता है।
  7. प्रसाद चढ़ाएं: पूजा के अंत में भगवान शिव और देवी शक्ति को प्रसाद अर्पित करें और इसे परिवार के सभी लोगो में वितरित करें।
  8. ध्यान और प्रार्थना: मंत्र के पाठ के बाद भगवान शिव और देवी शक्ति के प्रति ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद और सुख-शांति की प्रार्थना करें।
  9. पूजा स्थल की सफाई: पूजा के बाद पूजा स्थल को साफ करें और दीपक व कपूर को सुरक्षित स्थान पर रखें।

इस मंत्र का पाठ करने के लाभ

  • आध्यात्मिक उन्नति: शिव शक्ति मन्त्र का पाठ मानसिक और आत्मिक उन्नति को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति की आध्यात्मिक समझ और जागरूकता में वृद्धि होती है।
  • मानसिक शांति: इस मंत्र का जाप मानसिक तनाव और चिंता को कम करता है, जिससे मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
  • आत्मनिर्भर: मंत्र का जप व्यक्ति के अंदर की शक्ति को जागृत करता है, जिससे व्यक्ति के आत्म-विश्वास में वृद्धि होती है और वे आत्मनिर्भर बनते है, अर्थात अपने कार्यो को स्वयं करने में सक्षम होते है।
  • कष्टों से मुक्ति: इस मंत्र का नियमित जाप कष्टों और समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है, जिससे जीवन में सुख और शांति आती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: यह मंत्र घर और व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे नकारात्मकता का अंत होता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: इस मंत्र का जाप शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है, और बीमारियों से राहत प्रदान करता है।
  • आर्थिक समृद्धि: भगवान शिव और देवी शक्ति की कृपा से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
  • परिवारिक सुख: इस मंत्र का जाप परिवार में सुख और सामंजस्य बनाए रखता है, जिससे रिश्तों में सुधार और स्थिरता आती है।

FAQ

इस मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?

नियमित रूप से 108 बार जाप करने की सलाह दी जाती है। इसके लिए एक माला का उपयोग करें। विशेष अवसरों पर आप मंत्र का जाप अधिक संख्या में भी कर सकते हैं।

इस का जाप करने का सही समय क्या है?

क्या इस मंत्र का जाप किसी भी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है?

क्या इस मंत्र के नियमित पाठ से जीवन में बदलाव लाएं जा सकते है ?

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