Shiv Abhishek Mantra | शिव अभिषेक मंत्र

Shiv abhishek mantra शिव की आराधना और भक्ति का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह मंत्र का जप विशेष रूप से भगवान शिव की कृपा और उनकी दिव्य दृष्टि प्राप्त करने के लिए किया जाता है। शिव जी या शिवलिंग का अभिषेक करते समय इस मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ मन जाता है।

इस मंत्र में भगवान शिव के चमत्कारों, उनके रूद्र रूप, और उनके शक्तियों का वर्णन किया गया है। मंत्र का विधिपूर्वक नियमित जाप करके आप अपने जीवन में सकारात्मक और प्रभावी बदलाव ला सकते है। यदि आप इस मंत्र को विस्तार से पढ़ना चाहती है तो हमने आपके लिए शिव अभिषेक मंत्र को नीचे उपलब्ध कराया है।

मंत्र

ॐ नमः शिवाय,
ॐ शर्वाय नम:,
ॐ विरूपाक्षाय नम:,
ॐ विश्वरूपिणे नम:,
ॐ त्र्यम्बकाय नम:,
ॐ कपर्दिने नम:,
ॐ भैरवाय नम:,
ॐ शूलपाणये नम:,
ॐ ईशानाय नम:,
ॐ महेश्वराय नम:,
ॐ नमो नीलकण्ठाय,
ॐ पार्वतीपतये नमः,
ॐ पशुपतये नम:,
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय,
ॐ इं क्षं मं औं अं,
ॐ प्रौं ह्रीं ठः

शिव जी का अभिषेक मंत्र उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करने का सर्वोत्तम माध्यम है। इन मंत्रों के नियमित जाप से जीवन की कठिनाइयों में कमी आती है और मन को अद्भुत शांति का अनुभव होता है।

Shiv abhishek mantra जाप करने की विधि

  1. स्वच्छता: सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इससे शरीर और मन की शुद्धता सुनिश्चित होती है।
  2. पूजा स्थल: एक शांत और स्वच्छ स्थान पर पूजा स्थल तैयार करें। पूजा के लिए उस स्थान का चयन करें जहाँ आप बिना किसी विघ्न के पूजा कर सकें।
  3. स्थापना: भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग को पूजा स्थल पर विधिपूर्वक स्थापित करें। सुनिश्चित करें कि मूर्ति साफ और पवित्र हो।
  4. अभिषेक: मंत्र के जाप के साथ-साथ भगवान शिव की मूर्ति पर गंगाजल, दूध, शहद, और अन्य पवित्र सामग्री चढ़ाएं। यह अभिषेक विधिपूर्वक और सम्मानपूर्वक करें। आप गंगाजल के स्थान पर साफ जल का उपयोग भी कर सकती है।
  5. दीप जलाएं: अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर फूल, बेल पत्र , दूर्वा, मदार का पुष्प और अन्य पूजन की सामग्री चढ़ाएं और मूर्ति के सामने दीपक और धूप जलाएं। यह पूजा को पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर बनाता है।
  6. ध्यान: मंत्र के जाप और अभिषेक के बाद ध्यान और प्रार्थना करें। भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें और उनके दिव्य गुणों को ध्यान में रखें।
  7. प्रसाद चढ़ाए: पूजा के अंत में भगवान शिव को प्रसाद चढ़ाएं और इसे परिवार के सभी लोगो को वितरित करें।
  8. सफाई: पूजा के बाद पूजा स्थल को साफ करें और दीपक व कपूर को सुरक्षित स्थान पर रखें।

इस मंत्र का विधिपूर्वक और नियमित जाप से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का अनुभव होता है। शिव जी के अनेक मंत्र है – शिव शाबर मंत्र, शिव बीज मंत्र, शिव नमस्कार मंत्र इत्यादि है जिसका जाप करके आप इससे होने वाले लाभ को प्राप्त कर सकते है।

मंत्र जाप करने के निम्नलिखित लाभ

  1. आध्यात्मिक उन्नति: इस मंत्र के जाप से आध्यात्मिक उन्नति होती है जिससे धार्मिक ज्ञान और श्रद्धा में वृद्धि होती है।
  2. मानसिक शांति: इस मंत्र के जाप से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है। यह तनाव और चिंता को कम करता है और एकाग्रता को बढ़ाता है।
  3. जीवन में सुख: भगवान शिव के अभिषेक से दांपत्य जीवन में सुख और समर्पण बढ़ता है। यह पति-पत्नी के जीवन में आपसी समझ और प्रेम को बढ़ाता है।
  4. स्वास्थ्य लाभ: मंत्र के जाप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है जिससे रोग आदि समस्याओं से राहत मिलती है।
  5. आर्थिक समृद्धि: इस मंत्र का जाप आर्थिक समृद्धि और धन की वृद्धि में सहायक हो सकता है। यह आर्थिक संकटों को दूर करने में मदद करता है।
  6. सकारात्मक ऊर्जा: मंत्र के जाप से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि को आकर्षित करता है।
  7. सुरक्षा: इस मंत्र की जाप और अभिषेक से जीवन में आने वाली समस्याओं और संकटों से सुरक्षा प्राप्त होती है। 
  8. समृद्धि: मंत्र के जाप से जीवन में समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। यह विभिन्न क्षेत्रों में उन्नति और खुशहाली लाने में सहायक होता है।

FAQ

भगवान  शिव के अभिषेक मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?

इस मंत्र का जाप 108 बार करने की सलाह दी जाती है

Shiv Abhishek Mantra के जाप का विशेष पर्व या त्योहारों का महत्व क्या है?

क्या अभिषेक का समय निश्चित होता है?

क्या महिलाएं शिव जी के अभिषेक मंत्र का जप कर सकती हैं

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