Shiv Gayatri Mantra | शिव गायत्री मंत्र : महिमा, ध्यान और तपस्या

Shiv gayatri mantra एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्र है जो भगवान शिव की दिव्य ऊर्जा और कृपा को प्रकट करता है। इस मंत्र में भगवान शिव की महिमा, ध्यान, और तपस्या के बारे में वर्णन मिलता है। इस मंत्र का जाप विशेष रूप से आध्यात्मिक उन्नति, मानसिक शांति, और शक्ति प्राप्ति के लिए किया जा सकता है।

इस शिव मंत्र के जाप से आप अपने ध्यान और मन को एकाग्र कर सकती है। मंत्र जाप से व्यक्ति का कल्याण संभव हो सकता है। इस मंत्र का जाप सोमवार, शिवरात्रि, और सावन माह में करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। आप shiv gayatri mantra pdf फार्मेट में भी डाउनलोड कर सकते है और हमने आपके लिए शिव गायत्री मंत्र  को नीचे उपलब्ध कराया है।

मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे,
महादेवाय धीमहि,
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥

अर्थ : उत्तम पुरुष और महान देवता अर्थात भगवन शिव का मैं ध्यान करता हूँ और मेरे जीवन को ज्ञान के प्रकाश से भर देने की प्राथना करता हूँ।

Shiv Gayatri Mantra का जाप करने की विशेष विधि

  1. स्वच्छता: सबसे पहले, स्नान करके शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध हो जाएं। स्वच्छ वस्त्र पहनें ताकि पूजा की पवित्रता बनी रहे।
  2. स्थान: पूजा के लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें जिससे आप आसानी से मंत्र पर ध्यान केंद्रित कर सके।
  3. मूर्ति स्थापना: भगवान शिव की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर विधिपूर्वक स्थापित करें। इसे अच्छी तरह से साफ करें और सजाएं।
  4. दीपक जलाएं: पूजा स्थल पर दीपक और धूप जलाएं। इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पूजा के लिए शुद्ध वातावरण प्राप्त होता है।
  5. मंत्र उच्चारण: शिव गायत्री मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप पूरी श्रद्धा और ध्यान के साथ करें। मन्त्र जाप के समय किसी भी प्रकार की घृणा या ईष्या को मन में न लाएं।
  6. माला का उपयोग: मंत्र का जाप व्यवस्थित रूप से करने के लिए 108 मोतियों वाली एक माला का उपयोग करें। माला के एक-एक मोती के साथ मन्त्र को एक-एक करके जपते जाएं।
  7. प्रार्थना: मंत्र का जाप समाप्त करने के बाद भगवान शिव के प्रति ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद और जीवन में शांति की प्रार्थना करें।
  8. प्रसाद चढ़ाएं: भगवान शिव को प्रसाद चढ़ाएं और परिवार और दोस्तों के साथ बाँटें। इससे पूजा का पुण्य और आशीर्वाद सभी को प्राप्त होता है।
  9. सफाई: पूजा के बाद पूजा स्थल को साफ करें। दीपक और कपूर को सुरक्षित स्थान पर रखें।

इस विधि का उपयोग करके आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र का जब उसे क्षेत्रीय तरीकों से भी किया जाता है जिसे आप अपने नजदीकी मंदिर या पुजारी से संपर्क करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

 Shiv Gayatri Mantra जाप करने के लाभ 

  • आध्यात्मिक उन्नति: मंत्र का जाप आत्मिक जागरूकता और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है। यह व्यक्ति को गहरे धार्मिक अनुभव की ओर ले जाता है।
  • मानसिक शांति: इस मंत्र का जाप मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद को कम करता है। इससे मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
  • आत्मनिर्भर: मंत्र का जाप आत्म-शक्ति और आत्म-विश्वास को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति को जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है और व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है।
  • सुख-शांति: मंत्र का जाप परिवार में सुख, शांति और सामंजस्य बनाए रखता है। इससे पारिवारिक रिश्तों में सुधार और स्थिरता आती है।
  • स्वास्थ्य लाभ: इस मंत्र के जाप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह रोगों से राहत और स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
  • आर्थिक समृद्धि: मंत्र जाप से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। मंत्र का जाप धन-संपत्ति में वृद्धि और वित्तीय समस्याओं का समाधान करने में सहायक होता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: मंत्र का जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
  • संकटों से रक्षा: मंत्र का जाप संकटों और समस्याओं से सुरक्षा प्रदान करता है और जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में मदद करता है।
  • धार्मिक सुरक्षा: मंत्र का जाप धार्मिक सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करता है, जिससे व्यक्ति की आत्मा को शांति और स्थिरता मिलती है।

शिवजी की इस गायत्री मंत्र का जाप करने से आपको आने का प्रकार के लाभ मिलते हैं जो कि हमने ऊपर लिखा हुआ है। यह सभी लाभ आपके कर्मों और नियति पर निर्भर करता है। इस प्रकार शिव जी के अनेक मंत्र जैसे – शिव ध्यान मंत्र लिरिक्स, शिव पारवती मंत्र इत्यादि, जिसको कि आप जाप करके उससे होने वाले लाभ को प्राप्त कर सकते हैं।

FAQ

इस मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

इस मंत्र का जाप सुबह के समय या सोमवार को करना बहुत शुभ माना जाता है।

इस मंत्र का जाप मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?

क्या इस मंत्र जाप की कोई विशेष विधि है ?

क्या इस मंत्र का जाप हर वर्ग के लोग कर सकते है ?

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