Shiv Tandav Stotram Ringtone

Shiv Tandav Stotram Ringtone | शिव तांडव स्तोत्रम रिंगटोन : दिव्यता का संगम

Shiv tandav stotram ringtone को व्यक्ति अपने मोबाइल फोन में लगाकर अपने धार्मिक भावना और भक्ति को और प्रबल कर सकते हैं। यह स्तोत्रम भगवान शिव की उपासन के लिए समर्पित है यह रिंगटोन, एक ऐसा विकल्प है जो आपके दिन की शुरुआत को सकारात्मक ऊर्जा से भर देगा। जब भी आपका फोन बजता है, तो इस स्तोत्रम की गूंज आपके चारों ओर धार्मिक और शांत वातावरण तैयार कर देती … Read more

Shiv Tandav Stotram PDF को डाउनलोड करके आप शिव तांडव स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ कर सकते हैं, जो आपकी भक्ति को और प्रगाढ़ करेगा और भगवान शिव की अनंत कृपा प्राप्त करने का एक मार्ग है।

Shiv Tandav Stotram PDF | शिव तांडव स्तोत्रम पीडीएफ

शिव तांडव स्तोत्रम पीडीएफ शिव के प्रति अपनी भक्ति को समर्पित करने का एक सरल माध्यम हो सकती है। इस PDF में रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्तोत्र के 15 श्लोकों का संकलन किया गया है, जो भगवान शिव के विनाशक रूप, उनके दिव्य गुण और उनके अद्भुत तांडव नृत्य की शोभा का गान करते हैं। Shiv Tandav Stotram PDF को इस फॉर्मेट में पढ़ना और सुनना दोनों ही अत्यधिक … Read more

Shiv Tandav Stotram जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ॥ डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥1॥ जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ॥ धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥2॥ धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ॥ कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि क्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥3॥ जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ॥ मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥4॥ सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ॥ भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥5॥ ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ॥ सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥6॥ करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ॥ धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥7॥ नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत् कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ॥ निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥8॥ प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् ॥ स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥9॥ अगर्व सर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी रसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणामधुव्रतम् ॥ स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥10॥ जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वस द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ॥ धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः ॥11॥ दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर् गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ॥ तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः समं प्रव्रितिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम ॥12॥ कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन् विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् ॥ विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ॥13॥ निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका- निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ॥ तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं परिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः ॥14॥ प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ॥ विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥15॥ इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् । हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ॥16॥ पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं यः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे ॥ तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः ॥17॥ इति श्रीरावण कृतम्शि व ताण्डव स्तोत्र संपूर्णम ॥

Shiv Tandav Stotram | शिव तांडव स्तोत्रम: महिमा और महत्व

शिव तांडव स्तोत्रम एक प्रसिद्ध और शक्तिशाली स्तुति है, जिसे भगवान शिव की महिमा का गुणगान करने के लिए लिखा गया है। यह स्तोत्र, रावण द्वारा रचित माना जाता है, जिसमें भगवान शिव के तांडव रूप का वर्णन किया गया है। Shiv Tandav Stotram की लिरिक्स हिंदी में आसानी से उपलब्ध हैं और इस स्तुति का पाठ भक्तों द्वारा विशेष रूप से शिवरात्रि और सोमवार के दिन किया जाता है। … Read more

Shiv Panchakshar Stotra नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्माङ्गरागाय महेश्वराय॥ नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय, तस्मै नकाराय नमः शिवाय॥1॥ मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय, नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय॥ मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय, तस्मै मकाराय नमः शिवाय॥2॥ शिवाय गौरीवदनाब्जबृंदा, सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय॥ श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय, तस्मै शिकाराय नमः शिवाय॥3॥ वशिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमूनीन्द्र देवार्चिता शेखराय॥ चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय, तस्मै वकाराय नमः शिवाय, यज्ञस्वरूपाय जटाधराय॥4॥ पिनाकहस्ताय सनातनाय ॥ दिव्याय देवाय दिगम्बराय, तस्मै यकाराय नमः शिवाय॥5॥ पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसंनिधौ ॥ शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदते॥6॥

Shiv Panchakshar Stotra | शिव पंचाक्षर स्तोत्र : शिव की पांच अक्षरी स्तुति

शिव पंचाक्षर स्तोत्र हमारे हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण और दिव्य भक्ति स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति के लिए समर्पित है। Shiv Panchakshar Stotra का नाम ‘पंचाक्षरी’ शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है पाँच अक्षरों वाला। यह स्तोत्र भक्तों को भगवान शिव के प्रति गहरी भक्ति और श्रद्धा का अनुभव कराता है और उनके समर्पण को प्रकट करता है। इसकी रचना आदिकवि श्री शंकराचार्य द्वारा की … Read more