Shiv Chalisa Lyrics | शिव चालीसा लिरिक्स

Shiv Chalisa Lyrics भगवान शिव की महिमा का गुणगान करने वाला एक अत्यंत पवित्र स्तोत्र है। इसमें 40 चौपाइयों के माध्यम से शिवजी के अद्भुत स्वरूप, उनकी कृपा और उनके शक्तिशाली रूप का वर्णन किया गया है। शिव चालीसा का पाठ करने से न केवल भक्तों के जीवन में शांति और समृद्धि का संचार होता है, बल्कि उनके सभी संकटों का निवारण भी होता है।

शिव चालीसा के लिरिक्स सरल और प्रभावशाली हैं, जिससे इसे हर आयु वर्ग के लोग आसानी से पढ़ सकते हैं और अपनी दैनिक पूजा में शामिल कर सकते हैं। यह लिरिक्स उन लोगो के लिए ज्यादा लाभदायक है जो चालीसा का पाठ सही तरिके से करना चाहते है। शिव चालीसा लिरिक्स को नीचे आपके लिए उपलब्ध कराया गया है जिसे आप आसानी से प्राप्त कर सकते है।

शिव चालीसा लिरिक्स

।।दोहा।।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥1॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के ॥2॥

 अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे ॥3॥

 मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥4॥

 नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ ॥5॥

 देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥6॥

 तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥7॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी ॥8॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥9॥

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥10॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥11॥

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥12॥

जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै ॥13॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो ॥14॥

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी ॥15॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥16॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं ॥17॥

नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई ॥18॥

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥19॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥20॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥21॥

॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

Shiv Chalisa Lyrics पाठ करने की विधि

  1. स्नान: सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा करने के लिए शुद्धता और स्वच्छता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  2. पूजा स्थान: पूजा के लिए एक शांत और साफ स्थान का चयन करें।
  3. मूर्ति स्थापना: पूजा स्थल पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र को विधिपूर्वक स्थापित करें।
  4. दीपक और धूप जलाएं: पूजा स्थल पर दीपक और धूप जलाएं। इससे वातावरण पवित्र होता है और पूजा की प्रक्रिया को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है।
  5. चालीसा का पाठ: भगवान शिव की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर शिव चालीसा लिरिक्स का पाठ करें। पाठ को ध्यानपूर्वक और श्रद्धा से पढ़ें और अपने ध्यान को शिव की प्रतिमा में केंद्रित करें।
  6. फूल और जल: पाठ के बाद भगवान शिव को फूल और जल अर्पित करें। यह भगवान को सम्मान और श्रद्धा अर्पित करने का तरीका है।
  7. प्रसाद वितरण: पूजा के अंत में भगवान शिव को प्रसाद चढ़ाएं और इसे परिवार के सभी लोगो में वितरित करें।
  8. ध्यान और प्रार्थना: चालीसा के पाठ के बाद भगवान शिव के प्रति ध्यान करे और उनसे आशीर्वाद और सुख-शांति देने की प्रार्थना करें।
  9. सफाई: पूजा समाप्त होने के बाद पूजा स्थल को साफ करें और दीपक व कपूर को सुरक्षित स्थान पर रख दें।

चालीसा का पाठ करने से होने वाले लाभ

  • आध्यात्मिक ज्ञान: इसके द्वारा व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सत्य और धर्म का पालन करना आसान होता है।
  • संकटों से रक्षा: इसका पाठ करने से भगवान शिव भक्तों को आने वाले संकटों से रक्षा करते हैं और जीवन को सुरक्षित बनाते हैं।
  • सकारात्मक ऊर्जा: शिव चालीसा का पाठ करने से घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे नकारात्मकता का अंत होता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: नियमित रूप से चालीसा का सच्चे मन से पाठ करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह शरीर को सशक्त और मन को शांत रखता है।
  • मानसिक शांति: नियमित रूप से इस लिरिक्स को पढ़ने से मन को शांति मिलती है और तनाव कम होता है। इससे मन का संतुलन बना रहता है।
  • परिवारिक सम्बन्ध: इस लिरिक्स का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार के सदस्यों के बीच आपसी सम्बन्ध और मजबूत होते है।
  • कष्टों का निवारण: Shiv Chalisa भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक शक्तिशाली माध्यम है, जिससे जीवन के सभी कष्ट और समस्याओं का निवारण होता है।
  • आर्थिक लाभ: इसके नियमित पाठ से शिव की कृपा होती है जिससे धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

इस प्रकार आप शिव चालीसा का पाठ करके लाभ को प्राप्त कर सकते हैं। शिव जी की पूजा पाठ से होने वाले अनेक लाभ को प्राप्त करने के लिए आपको shiv ji ki aarti, shiv mantra का पाठ करना होगा।

FAQ

शिव चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?

प्रातःकाल या संध्या समय शिव चालीसा का पाठ अधिक प्रभावशाली माना जाता है।

शिव चालीसा का पाठ नियमित रूप से करना आवश्यक है ?

क्या इस लिरिक्स को किसी अन्य भाषा में भी प्राप्त किया जा सकता है ?

क्या इस लिरिक्स को ऑडियो फॉर्मेट में भी प्राप्त किया जा सकता है ?